वो नानी की कहानी (कविता)
वो नानी की कहानी (कविता)
वो बचपन की यादें, वो बारिश का पानी।
मैं नहीं भूल पाया, वो नानी की कहानी।।
बरखा की रानी, बरखा की रानी।
लायेगी वो पानी, लायेगी वो पानी।।
नदियाँ नाले, भर जायेंगे, धरती होगी हरियाली।
खेत-खलिहाने लहलहायेंगे, मीट्टी बनेगी गिली।।
मैं नहीं भूल पाया, वो नानी की कहानी।
वो मेढ़क का ड्राऊ... ड्राऊ... वो ढेल की बोली।।
वो बचपन की यादें, वो बारिश का पानी।
मैं नहीं भूल पाया, वो नानी की कहानी।।
बरखा की रानी, बरखा की रानी।
लायेगी वो पानी, लायेगी वो पानी।।
गरजेंगे बादल, बरसेगा पानी।
चमकेगा आसमा में बीजली की लाली।।
दिन में ही होगी, रात काली काली।
चारो ओर बरसेगा पानी ही पानी।।
वो पानी में नहाना, किसी को गिराना।
वो मीट्टी की खुशबु वो बारिश की रीम-झीम।।
वो बचपन की यादें वो बारिश का पानी।
मैं नहीं भूल पाया, वो नानी की कहानी।।
बरखा की रानी, बरखा की रानी।
लायेगी वो पानी, लायेगी वो पानी।।
वो बचपन की यादें, वो बारिश का पानी।
मैं नहीं भूल पाया, वो नानी की कहानी।।
- अंसारी ईशाकअली मुनावरअली
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