Ticker

6/recent/ticker-posts

लहरों से डरकर - हरिवंशराय बच्चन - Motivational poem

लहरों से डरकर - हरिवंशराय बच्चन - Motivational poem    लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,   कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।  नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर सौ सौ बार फिसलती है। मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है। आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।  डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाते हैं, जा जा कर गहरे पानी में खाली लौट आते हैं। मिलते ना मोती सहज ही गहरे पानी में, बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में। मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।  असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो, कहां कमी रह गई देखो और सुधार करो। जब तक सफल न हो नींद चैन की त्यागो तुम, संघर्षो का मैदान छोड़ मत भागो तुम। किए कुछ बिना जय जयकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती  - हरिवंशराय बच्चन
लहरों से डरकर - हरिवंशराय बच्चन - Motivational poem 

लहरों से डरकर - हरिवंशराय बच्चन - Motivational poem 

  लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, 

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाते हैं,
जा जा कर गहरे पानी में खाली लौट आते हैं।
मिलते ना मोती सहज ही गहरे पानी में,
बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में।
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो,
कहां कमी रह गई देखो और सुधार करो।
जब तक सफल न हो नींद चैन की त्यागो तुम,
संघर्षो का मैदान छोड़ मत भागो तुम।
किए कुछ बिना जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
 - हरिवंशराय बच्चन

लहरों से डरकर - हरिवंशराय बच्चन - Motivational poem
लहरों से डरकर - हरिवंशराय बच्चन - Motivational poem 

    

    

Post a Comment

0 Comments